सोयाबीन उत्पादन में 24 प्रतिशत तक की गिरावट के आसार
इस साल देश में तिलहन उत्पादन खाद्य तेल की बढ़ती उपभोक्ता मांग के साथ अपनी रफ्तार कायम रखने में नाकाम रहा है। उद्योग की शीर्ष संस्था सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के हालिया सर्वेक्षण में 2017-18 के फसल कटाई सीजन के दौरान देश में सोयाबीन उत्पादन 83.5 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष के 1.09 करोड़ टन की तुलना में लगभग 24 प्रतिशत कम है। मॉनसून की शुरुआत में बोई जाने वाली सोयाबीन खरीफ फसल है। देश के कुल तिलहन उत्पादन में इसका लगभग एक-तिहाई योगदान होता है। यह गर्मी में बोई जानी वाली मूंगफली, तिल आदि और सर्दी में बोई जाने वाली सरसों जैसी अन्य तिलहन का रुख तय करती है।
इससे पहले सोपा ने अक्टूबर के अपने पहले सर्वेक्षण में भारत का सोयाबीन उत्पादन 91.5 लाख टन रहने का अनुमान जताया था। हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इससे हटकर 2017-18 सीजन के लिए अपने पहले अग्रिम अनुमान में 1.222 करोड़ टन सोयाबीन उत्पादन रहने का अनुमान जताया है, जबकि 2016-17 के लिए चौथे अग्रिम अनुमान में 1.379 करोड़ टन उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने कहा कि मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक जिलों में व्यापक सर्वेक्षण के बाद पता चलता है कि भारत के इन तीन प्रमुख राज्यों का तिलहन उत्पादन में लगभग 90 प्रतिशत योगदान है। किसानों, व्यापारियों तथा प्रसंस्करण संयंत्रों से बातचीत करने के साथ-साथ आवक, पेराई, प्रत्यक्ष उपभोग और निर्यात को ध्यान में रखते हुए संस्था ने 2017 में खरीफ की सोयाबीन फसल को अक्टूबर 2017 के 91.5 लाख टन के पूर्वानुमान में सुधार करके 83.5 लाख टन कर दिया है। पिछले सीजन के दौरान भारत का सोयाबीन उत्पादन 1.09 करोड़ टन दर्ज किया गया था।
सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक राज्यों में बाढ़ से फसल क्षति और पौधों में रोग से नुकसान के कारण सोयाबीन के कारोबार, तेल और खली में लगीं न केवल निजी एजेंसियों, बल्कि सरकारी एजेंसियों ने भी इस साल भारत का सोयाबीन उत्पादन कम रहने का पूर्वानुमान जताया है। उद्योग ने इस साल भारत का कुल रकबा पांच प्रतिशत कम रहने का अनुमान जताया है। रुचि सोया इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक दिनेश शाहरा ने 2017-18 फसल वर्ष में भारत का कुल सोयाबीन उत्पादन 90,00,000 टन से भी कम रहने का पूर्वानुमान जताया था।
सोपा ने मंडियों में कुल 53 लाख टन सोयाबीन की आवक का अनुमान लगाया है जिसमें से पेराई मिलें 38 लाख टन का प्रसंस्करण कर चुकी हैं। इस तरह किसानों, व्यापारियों और संयंत्रों के पास फिलहाल 45.3 लाख टन का सोयाबीन स्टॉक है। सोयाबीन के कम उत्पादन से भारत के वार्षिक खाद्य तेल आयात में इजाफे की संभावना है जो फिलहाल 1.5 करोड़ टन से अधिक हो सकता है। इस पर करीब 650 अरब रुपये के आयात बिल आने का अनुमान है।
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